भारत पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बना पर अब भी क्षमता का पूरा इस्तेमाल नहीं, युवा प्रतिभाओं को तैयार करना जरूरी
अनेक चुनौतियों के बावजूद भारत ने ऊंची जीडीपी विकास दर को बरकरार रखा है। यह दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था में सबसे तेजी से आगे बढ़ाने वाले देशों में शुमार है। इस तेज आर्थिक विकास के चलते देश के अनेक नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार आया है। अंतरराष्ट्रीय राजनय के क्षेत्र में भी भारत के योगदान को सराहा गया है।
एस.के. सिंह, नई दिल्ली। आजादी के बाद भारत ने हर क्षेत्र में काफी तरक्की की है। हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन चुके हैं और जल्दी ही तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनने वाले हैं। भारत की विकास दर प्रमुख देशों में सबसे अधिक है। हम आईटी, इंजीनियरिंग और दवा जैसे क्षेत्रों में काफी आगे बढ़ चुके हैं। लेकिन क्या बीते 76 वर्षों में हम अपनी क्षमता का पूरा इस्तेमाल करने में कामयाब हुए हैं? विकास की गति बढ़ाने और विकसित देश बनने के लिए हमें कौन से कदम उठाने होंगे? हमारी चुनौतियां और उनके समाधान क्या हैं? इन सवालों के साथ जागरण प्राइम ने तीन अलग क्षेत्र के विशेषज्ञों- मैक्रो इकोनॉमिस्ट प्रो. अरुण कुमार, कॉरपोरेट इकोनॉमिस्ट देबोपम चौधरी और फाइनेंशियल जगत के भास्कर मजूमदार की राय ली।