एस.के. सिंह/स्कंद विवेक धर, नई दिल्ली। देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए हाल के वर्षों में कई कदम उठाए गए हैं। लेकिन इंडस्ट्री के अनुसार ग्लोबल सप्लाई चेन में तेजी से हो रहे बदलाव का फायदा उठाने के लिए कुछ और बाधाएं दूर करने की जरूरत है। मसलन, भारत में बिकने वाले 99.2% मोबाइल फोन यहीं बनते हैं। देश में होने वाला उत्पादन घरेलू मांग से अधिक है। ज्यादा महंगी कैटेगरी को छोड़ दें तो घरेलू मांग की दर अब कम हो रही है। भविष्य में ग्रोथ के लिए निर्यात मुख्य आधार होगा। लेकिन फोन के पार्ट्स पर टैरिफ का ढांचा ऐसा है कि इस वित्त वर्ष के बाद निर्यात की गति भी धीमी होने की आशंका है।

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