लैपटॉप, टैबलेट, पीसी का आयात प्रतिबंधित श्रेणी में डालने से लांग टर्म में बढ़ेगी घरेलू मैन्युफैक्चरिंग
अभी लैपटॉप टैबलेट ऑल इन वन पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर का आयात ‘मुक्त’ श्रेणी में है जो 1 नवंबर से ‘प्रतिबंधित’ श्रेणी में आ जाएगा। यानी इनका आयात करने के लिए लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी। कुछ मामलों में रियायत भी दी गई है। अगर आप विदेश से लौटते समय एक लैपटॉप खरीद कर ला रहे हैं तो आपको लाइसेंस की जरूरत नहीं पड़ेगी।
प्राइम टीम, नई दिल्ली। सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट, ऑल इन वन पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर के आयात को प्रतिबंधित श्रेणी में डालने का जो फैसला किया है, उसका मकसद देश में इनके उत्पादन को बढ़ावा देना है। (नई अधिसूचना के अनुसार यह फैसला 1 नवंबर से लागू होगा) डेल, एसर, सैमसंग, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, एपल, लेनोवो और एचपी जैसी कंपनियां भारत में लैपटॉप बेचती हैं, लेकिन इसका बड़ा हिस्सा चीन तथा अन्य देशों से आयात किया जाता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश के कुल आयात में लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर का हिस्सा 1.5% के आसपास है। इनमें से लगभग आधा चीन से आयात होता है। अभी प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों में डेल और एचपी के ही भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं। सरकार चाहती है कि अन्य ब्रांड भी भारत में मैन्युफैक्चरिंग शुरू करें और देश को इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाया जाए। सोमवार, 31 जुलाई 2023 को सरकार ने आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई स्कीम के तहत आवेदन करने की अंतिम तारीख बढ़ाकर 30 अगस्त 2023 की थी। उसी दिन (31 जुलाई) रिलायंस ने नया ‘जियो बुक’ लांच किया, जिसकी बिक्री 5 अगस्त से शुरू होगी।