खर्चे कम, फिर भी ज्यादातर रूट पर लो-कॉस्ट एयरलाइंस का किराया फुल सर्विस के बराबर या ज्यादा
देश में 82 फीसदी हवाई यात्री लो-कॉस्ट एयरलाइंस में उड़ान भर रहे हैं। लेकिन भारत की ये लो-कॉस्ट एयरलाइन क्या वास्तव में लो-कॉस्ट हैं? देश के प्रमुख हवाई रूट्स के मौजूदा किरायों को देखें तो देश में फुल सर्विस और लो-कॉस्ट एयरलाइंस के किराए में अंतर नहीं है। बल्कि कई मामलों में लो-कॉस्ट एयरलाइंस का किराया फुल सर्विस एयरलाइंस से भी ज्यादा है।
स्कन्द विवेक धर, नई दिल्ली। अगर आपको कुआलालंपुर से बाली हवाई यात्रा करनी हो तो 26 अगस्त को मलेशिया एयरलाइंस का किराया 28,200 रुपए लगेगा, लेकिन इस उड़ान से महज 20 मिनट बाद उड़ने वाली एयर एशिया की फ्लाइट आपको मात्र 10,616 रुपए में मिल सकती है। किराए में इस बड़े अंतर की वजह ये है कि मलेशिया एयरलाइंस जहां फुल सर्विस एयरलाइन है, वहीं एयर एशिया एक बजट या लो-कॉस्ट एयरलाइन है। अब बात भारत की करते हैं। 26 अगस्त को ही अगर हम दिल्ली से गोवा का किराया देखें तो सबसे सस्ता 4,017 रुपए टिकट विस्तारा एयरलाइंस का है, जो एक फुल सर्विस एयरलाइन है। इंडिगो, स्पाइसजेट और एयरएशिया जैसी बजट एयरलाइंस का किराया इससे ज्यादा है। ये मामला सिर्फ एक रूट का नहीं है। जागरण प्राइम ने देश के 10 बड़े रूट्स का ब्योरा लिया, इसमें से 7 रूट्स पर लो-कॉस्ट एयरलाइन का किराया या तो फुल सर्विस से ज्यादा या बराबर मिला।