मौसमी बदलाव के बीच पराली के धुएं, ठहरी हवा और प्रदूषकों के फंसने से प्रदूषण से हांफ रही दिल्ली
मानव जनित गलतियों प्राकृतिक कारणों और दुर्भाग्य से बने संयोगों का मिला-जुला असर है। पंजाब में जल रही पराली दिल्ली में चल रहे कंस्ट्रक्शन का दुष्प्रभाव अचानक हवाओं की रफ्तार थमने और प्रदूषक तत्वों के बाहर न निकल पाने के दुर्योग और मौसम में बढ़ी ठंडक रूपी दुर्घटना ने दिल्ली-एनसीआर को गैस चैंबर बना दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 15 दिन तक हालात बदलने वाले नहीं हैं।
नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। दिल्ली-एनसीआर में अचानक से आई प्रदूषण की घनी चादर किसी एक वजह से नहीं बनी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मानव जनित गलतियों, प्राकृतिक कारणों और दुर्भाग्य से बने संयोगों का मिला-जुला असर है। पंजाब में जल रही पराली, दिल्ली में चल रहे कंस्ट्रक्शन का दुष्प्रभाव, अचानक हवाओं की रफ्तार थमने और प्रदूषक तत्वों के बाहर न निकल पाने के दुर्योग और मौसम में बढ़ी ठंडक रूपी दुर्घटना ने दिल्ली-एनसीआर को गैस चैंबर में तब्दील कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 15 दिन तक हालात बदलने वाले नहीं हैं।