नई दिल्ली। अनुराग मिश्रा/विवेक तिवारी । हिंदू धर्म में सोने को सूर्य की शक्ति का प्रतीक मानते हैं। सोना पवित्रता का प्रतीक है। सोना संपन्नता का भी प्रतीक है। ऐसे में संपन्नता, सौभाग्य और वैभव प्रदान करने वाले पर्व के तौर पर ही दिवाली मनाई जाती है। भारत में धनतेरस के दिन सोना खरीदने की परंपरा रही है। ऑक्सफ़ैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के लोगों के पास दुनिया का एक चौथाई सोना है। इस साल दुनिया में अनिश्चिता, युद्ध, मंदी और महंगाई के माहौल के बीच सोने में निवेश आपको मालामाल बना सकता है। इतिहास पर नजर डालें तो जब भी मुश्किल समय आया है सोने ने निवेशकों को कभी निराश नहीं किया है। वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी स्मॉलकेस के अध्ययन के अनुसार, पिछले 20 वर्षों में सोने ने औसतन 11.2 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।

इस समय पूरी दुनिया में अनिश्चित का माहौल है। एक तरफ रूस और युक्रेन का युद्ध चल रहा है वहीं दूसरी तरफ इजराइल और हमास के बीच जंग छिड़ी हुई है। ऐसे में पूरी दुनिया के निवेशक इस समय सोने को सुरक्षित निवेश विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफीसर डेविड टैट ने हाल ही में इंडियन गोल्ड फॉन्फ्रेंस में कहा कि सोने में तेजी फिलहाल बनी रहेगी। अनिश्चिता के इस माहौल में सोने में निवेश तेजी से बढ़ेगा। ऐसे में 2024 में भी सोने में तेजी बनी रहने की संभावना है। वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी स्मॉलकेस के अध्ययन के अनुसार त्योहारी सीजन, खासकर दिवाली के दौरान सोने की मांग मजबूत रहने की संभावना है। स्मॉलकेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भू-राजनीतिक अनिश्चितता के समय में लोग सोने को सुरक्षित निवेश के विकल्प के तौर पर पसंद कर रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक सोने ने पिछले 20 वर्षों में लगातार बेहतरीन रिटर्न दिया है। सोने ने 2011 में 30.7 फीसदी तक रिटर्न दिया। वहीं 2010 में सोने ने 24.8 फीसदी रिटर्न दिया। 2020 में सोने ने 28 फीसदी रिटर्न दिया, निवेशकों को 2019 में सोने में 21.3 फीसदी रिटर्न मिला हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कहा जा सकता है कि पिछले पांच सालों में (2022 तक) निवेशकों को सोने में 11 फीसदी का चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से रिटर्न मिला है। निवेशकों को सोने ने कभी निराश नहीं किया। उदाहरण के लिए, कोविड-19 का संकट हो या रूस-यूक्रेन युद्ध, निफ्टी का रिटर्न जहां नकारात्मक रहा है वहीं सोने का 20 प्रतिशत से से ज्यादा का रिटर्न दिया है।

महंगाई के खिलाफ भी हथियार है सोना

सोने के जरिए आप मुद्रास्फीति को भी मात दे सकते हैं। स्मॉलकेस की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2021 से मई 2022 तक, मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत बढ़ी, सोने ने 13.6 प्रतिशत का रिटर्न दिया, जबकि निफ्टी 50 ने 11.6 प्रतिशत का रिटर्न दिया।

सोने ने दिया है शानदार रिटर्न

सोने ने लम्बे समय के लिए निवेश करने वालों को कभी निराश नहीं किया है। 1950 में 10 ग्राम सोने की कीमत 99 रुपये प्रति 10 ग्राम थी जो 1960 में 112 रुपये हो गई। इन दस सालों में सोने की कीमत में लगभग 13 फीसदी का उछाल देखा गया। 1960 से 1970 के बीच सोने की कीमत 112 रुपये से बढ़कर 184.50 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। इस दौर में सोने की कीमत में 65 फीसदी का उछाल आया। 1970 से 1980 के बीच सोने पर रिटर्न बहुत ही शानदार रहा। इन दस सालों में सोने की कीमत 184.50 रुपये से बढ़कर 1,330 रुपये प्रति दस ग्राम हो गई थी। यानी इसने करीब 620 फीसदी रिटर्न दिया। 1980 से 1990 तक सोने पर 140 फीसदी रिटर्न मिला और कीमत 1330 रुपये से बढ़कर 3200 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गई। 1990 से 2000 तक इसने करीब 37.50 फीसदी रिटर्न दिया। 1996 में कीमत 5,160 रुपये तक पहुंच गई थी, लेकिन इसके बाद गिरावट आई। दशक समाप्त होते-होते कीमत 4,045 रुपये प्रति दस ग्राम रह गई। 2000 से 2010 तक सोने की कीमत 4400 रुपये से बढ़कर 18,500 रुपये तक पहुंच गई। यानी करीब 320 प्रतिशत रिटर्न मिला। 2010 से 2020 तक सोने की कीमतों में औसतन 162 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। इस दौरान सोना 48651 प्रति दस ग्राम पहुंच गया था। 2020 से 2023 के बीच मात्र तीन सालों में सोने की कीमत 61 हजार प्रति 10 ग्राम से ज्यादा पहुंच चुकी है।

भारत का मान बढ़ाने में सोने की भी है महत्वपूर्ण भूमिका

आज भारत दुनिया के कई देशों के सेटलाइट अंतरिक्षत में भेज रहा है। वहीं आदित्य एल 1 हो या हाल ही में भारत की ओर से भेजा गया चंद्रयान मिशन, भारत ने महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। इन सब में सोने की महत्वपूर्ण भूमिका है। NASA के मुताबिक सेटेलाइट के बाहरी हिस्से में सोने की परत लगाई जाती है। ये परत ही सेटेलाइट को सूरज की गर्मी से बचाती है। सोना सूरज की ज्यादातर किरणों को परावर्तित कर देता है। वहीं अंतरिक्ष में जाने वाले एस्ट्रोनॉट के हेलमेट के वाइजर में भी सोने की परत का इस्तेमाल होता है जो उन्हें सूरज के खतरनाक रेडिएशन से बचाता है। वहीं, सेटेलाइट के कई पुर्जों में भी बेहतर विद्युत सुचालक के तौर पर सोने का इस्तेमाल होता है।

लोगों की जान बचाने में काम आता है सोना

दुनिया की कई सभ्यताओं में सोने का इस्तेमाल इलाज के लिए किया जाता रहा है। चीन में पारंपरिक तौर पर सोने का इस्तेमाल दिल की धड़कन बढ़ने पर, दौरे और त्वचा संक्रमण में किया जाता रहा है। वहीं हमारे आयुर्वेद में स्वर्ण भस्म का इस्तेमाल फेफड़े, दिल और पाचन संबंधी बीमारियों के इलाज में किया जाता है। यह दिल को मजबूती देने का काम करता है। सिर्फ यही नहीं, स्वर्ण भस्म हड्डियों को भी मजबूत बनाता है। किराली आयुर्वेदिक समूह की प्रबंध निदेशक डॉक्टर गीता रमेश के मुताबिक आयुर्वेद में सोने की भस्म को शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए काफी अच्छा माना गया है। बचपन से ही सोने की भस्म का इस्तेमाल छोटी मात्रा में करने पर निष्क्रिय कोशिकाएं भी सक्रिय हो जाती हैं। बच्चों के बेहतर विकास और कुपोषण को दूर करने के लिए भी ये काफी उपयोगी है। आयुर्वेद में सोने की भस्म और इससे बनी दवाओं का इस्तेमाल त्वचा में चमक पैदा करने और याददाश्त को तेज करने के लिए भी किया जाता है।

आपके जीवन का अभिन्न हिस्सा है सोना

आप अपने मोबाइल के बिना शायत ही एक दिन की कल्पना कर पाएं। पर आपको जान कर हैरानी होगी कि स्मार्टफोन को बनाने में भी सोने का इस्तेमाल होता है। टेक कंपनी यूमिकोर के मुताबिक 35 पुराने मोबाइल में से 1 ग्राम सोना निकाला जा सकता है। आप जो मोबाइल इस्तेमाल करते हैं उसके सिम के सर्किट पर भी सोने की एक पतली परत लगाई जाती है। दरअसल सोना एक बेहतर सुचालक है। ऐसे में सिम के सर्किट में इसका इस्तेमाल करने पर ये लम्बे समय तक चलता है। आईआईटी खड़गपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉटर अमित कुमार दत्ता के मुताबिक सोना एक बेहतरीन सुचालक है। आपको अगर फोन करते समय बेहतर कनेक्टिविटी चाहिए तो इक्यूपमेंट्स में सोने का इस्तेमाल करना ही होगी। हालांकि टेलिकॉम इंस्टूमेंट्स में बेहद कम मात्रा में सोने का इस्तेमाल किया जाता है।

आपकी फर्राटा भरती गाड़ी में भी है सोना

आज आप कोई भी गाड़ी खरीदने जाएं उसमें ढेरों आधुनिक फीचर्स होंगे। इन फीचर्स के लिए कई तरह के सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक चिपबोर्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन सेंसर्स और इलेक्ट्रॉनिक चिपबोर्ड को बिना सोने के इस्तेमाल के बनाया ही नहीं जा सकता है। पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री पर जोर दिया जा रहा है। इन गाड़ियों में ज्यादातर फीचर इलेक्ट्रॉनिक चिप पर निर्भर होते हैं। ऐसे में आने वाले समय में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में सोने की मांग बढ़ेगी। SIAM के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर जनरल सुगातो सेन के मुताबिक आज की गाड़ियों में बहुत सारे फीचर्स दिए जा रहे हैं। इसके लिए गाड़ियों में कई महंगी धातुओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। SIAM लगातार कुछ महंगी धातुओं की कीमत पर रिपोर्ट भी तैयार करता है जिसका इस्तेमाल ऑटोमोबाइल कंपनियां करती हैं।

आपके हर गैजेट में है सोना

इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री की कल्पना सोने के बिना की ही नहीं जा सकती है। इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक चिप और सर्किट बोर्ड में बेहतर सुचालक के तौर पर सोने का ही इस्तेमाल किया जाता है। यूएसजीएस मिनरल कमोडिटी रिपोर्ट 2019 के मुताबिक 2019 में अमेरिका में इस्तेमाल होने वाले सोने का लगभग 37% इलेक्ट्रॉनिक्स में था। बुलियन और ज्वेलरी इंडस्ट्री में सोने का इस्तेमाल लगभग 50 फीसदी तक था। इलेक्ट्रॉनिक्स किसी भी अन्य कमोडिटी की तुलना में सोने का अधिक उपयोग करता है। आपके स्मार्टफोन के साथ ही ज्यादातर बड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, जैसे लैपटॉप और डेस्कटॉप कंप्यूटर और आपके टीवी।