नई दिल्ली, विवेक तिवारी। पिछले कुछ समय में पूरी दुनिया में चावल की कीमतों में तेज बढ़ोतरी हुई है। इसका असर एशियाई मार्केट पर भी सीधे तौर पर दिखने लगा है। यहां चावल की कीमत लगभग 15 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। अलनीनो के प्रभाव के चलते इस साल थाईलैंड और भारत में चावल उत्पादन प्रभावित होने के आसार हैं। भारत में सरकार खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पहले ही गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा चुकी है। विशेषज्ञों के मुताबिक चावल की कीमतों में राहत के लिए लोगों को अगले कुछ दिनों तक इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि अच्छी खबर ये है कि कृषि मंत्रालय के नए आंकड़ों के अनुसार भारतीय किसानों ने 28.3 मिलियन हेक्टेयर में धान लगाया है। ये पिछले साल की समान अवधि से 3.28 फीसदी अधिक है। भारत के पास चावल का पर्याप्त बफर स्टॉक भी है। हाल ही सरकार ने खुले बाजार में चावल का स्टॉक जारी करने का फैसला किया है ताकि कीमतों पर बहुत अधिक असर न हो।

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