नई दिल्ली, जागरण प्राइम। नई दिल्ली, जागरण प्राइम। चंद्रयान के जरिए दूर आसमान में पहुंचने के बाद भारत अब गहरे समुद्र में झांकने की तैयारी कर चुका है। चेन्नई स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी ने समुद्रयान मिशन के तहत 'मत्स्य 6000' नाम की पनडुब्बी को 6000 मीटर गहरे समुद्र में भेजने की तैयारी कर ली है। पनडुब्बी में तीन वैज्ञानिक गहरे समुद्र में जाएंगे और अध्ययन करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रोजेक्ट की सफलता दुनिया भर में भारत का सम्मान बढ़ाएगी। वहीं समुद्र की गहराई में कई ऐसे राज खुलेंगे जो पूरी मानव जाति के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इस अभियान से भारत की ब्लू इकोनॉमी को भी बढ़ावा मिलेगा। इस अभियान की बारीकियों पर जागरण न्यू मीडिया ने 'मत्स्य 6000' को बनाने वाली संस्था नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी (NIOT) के निदेशक रहे डॉक्टर एमए आत्मानंद एवं नेशनल सेंटर फॉर अंटार्कटिक एंड ओशन रिसर्च (NCAOR) के निदेशक रह चुके डॉक्टर प्रेम चंद्र पांडेय से बातचीत की।

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