प्राइम टीम, नई दिल्ली। इस वर्ष भारत में गेहूं और चावल का उत्पादन पिछले साल से अधिक रहने की उम्मीद है। इसलिए ऐसी कोई आशंका नहीं नजर आती कि देश में खाए जाने वाले इन दो मुख्य अनाज की उपलब्धता का कोई संकट आएगा। लेकिन भारत के पड़ोसी देशों में हालात इसके विपरीत नजर आ रहे हैं। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार और श्रीलंका में बड़ी संख्या में लोगों के सामने खाद्य असुरक्षा का संकट है या गहराने वाला है। कहीं यह असुरक्षा मौसम की मार के कारण है तो कहीं राजनीतिक और आर्थिक संकट के कारण। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने वैश्विक कृषि उत्पादन के जो आंकड़े जारी किए हैं, उनके विश्लेषण से इस संकट का अंदाजा मिलता है।

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