एस.के. सिंह, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई के अनुमान को भले 5.4% के पुराने स्तर पर बरकरार रखा हो, लेकिन आने वाले दिनों में इसके बढ़ने का डर अभी बना हुआ है। खास कर खाने-पीने की चीजों की महंगाई का डर। इसका आभास रिजर्व बैंक की समीक्षा में भी मिलता है। इसके मुताबिक खरीफ की कई फसलों की बुआई में कमी, जलाशयों के स्तर में गिरावट, अल नीनो और वैश्विक ऊर्जा तथा खाद्य कीमतों में अस्थिरता पर आने वाले समय में महंगाई निर्भर करेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल ब्याज दरें मौजूदा स्तर पर ही बने रहने की उम्मीद है, अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही दरों में कटौती हो सकती है। इसके अलावा, एफडी पर ब्याज और बढ़ने की गुंजाइश कम है, इसलिए निवेशक चाहें तो इनमें पैसा लगा सकते हैं।

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