रिस्क कम होने के कारण रिटेल लोन पर फोकस ज्यादा, एआई से फ्रॉड रोकने में मददः सुरेश खटनहार
करीब ढाई साल पहले मार्च 2021 में रिजर्व बैंक का अंकुश हटने के बाद आईडीबीआई बैंक ने अपनी वित्तीय स्थिति काफी मजबूत कर ली है। आज न सिर्फ कासा (करेंट अकाउंट सेविंग्स अकाउंट) बल्कि डिपॉजिट की लागत और नेट इंटरेस्ट मार्जिन के मामले में भी यह अनेक बैंकों से बेहतर स्थिति में है। बैंक के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर सुरेश खटनहार से खास बातचीत...
करीब ढाई साल पहले मार्च 2021 में रिजर्व बैंक का अंकुश हटने के बाद आईडीबीआई बैंक ने अपनी वित्तीय स्थिति काफी मजबूत कर ली है। आज न सिर्फ कासा (करेंट अकाउंट, सेविंग्स अकाउंट), बल्कि डिपॉजिट की लागत और नेट इंटरेस्ट मार्जिन के मामले में भी यह अनेक बैंकों से बेहतर स्थिति में है। आखिर बैंक ने यह टर्नअराउंड कैसे किया, आगे इसकी क्या योजनाएं हैं, क्या रिटेल लोन और एफडी पर आने वाले दिनों में ब्याज दरें और बढ़ेंगी, इन्हीं सवालों के साथ जागरण प्राइम के एस.के. सिंह ने आईडीबीआई बैंक के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर सुरेश खटनहार से बात की। बातचीत के मुख्य अंशः-