नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/ एस.के.सिंह। आतंकवाद पर कुछ देशों के दोहरे रवैये पर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर का बयान काफी चर्चा में है। जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा- आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर एक्शन राजनीतिक सहूलियत के हिसाब से नहीं हो सकता। क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप भी अपनी सहूलियत के हिसाब से नहीं हो सकता। जयशंकर ने यह कह कर विश्व की बड़ी शक्तियों को आईना दिखाने का काम किया कि वह जमाना चला गया, जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे और यह अपेक्षा करते थे कि अन्य सभी देश उसका अनुसरण करें। जयशंकर ने यह भी कहा कि आतंकवाद के सभी रूपों से डटकर मुकाबला किया जाना चाहिए। इसे जड़ से उखाड़ना जरूरी है।

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