टियर-2 शहरों में बढ़ रहे टेक स्टार्टअप, कम खर्च और सुकून के कारण ‘घर वापसी’ का माध्यम बन रहीं ये कंपनियां
बेंगलुरु हैदराबाद या चेन्नई जैसे शहरों की तुलना में टियर-2 शहरों में इन कंपनियों का ऑपरेशनल खर्च 40% तक कम होता है। कर्मचारियों के लिए रोज की भागदौड़ कम होती है सुकून भी रहता है। इसलिए महानगरों में काम करने वाले भी अपने मूल निवास के करीब इन शहरों में लौट रहे हैं। युवा बेंगलुरु या हैदराबाद जैसे शहरों में सिर्फ बेहतर एक्सपोजर के लिए जाना चाहते हैं।
एस.के. सिंह, नई दिल्ली। भारत के टियर-2 शहर टेक्नोलॉजी के नए हब के रूप में उभर रहे हैं। पुणे, कोच्चि, भोपाल, चंडीगढ़, रायपुर, अहमदाबाद, जबलपुर, नागपुर, कोयंबटूर जैसे शहरों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और सॉफ्टवेयर एज ए सॉल्यूशन (SaaS) कंपनियां तेजी से खड़ी हो रही हैं। कारण यह है कि बेंगलुरु, हैदराबाद या चेन्नई जैसे शहरों की तुलना में टियर-2 शहरों में इन कंपनियों का ऑपरेशनल खर्च 40% तक कम होता है। कर्मचारियों के लिए रोज की भागदौड़ कम होती है सुकून भी रहता है। इसलिए महानगरों में काम करने वाले भी अपने मूल निवास के करीब इन शहरों में लौट रहे हैं। ऐसा नहीं कि भारत की सिलिकॉन वैली कहे जाने वाले बेंगलुरु या हैदराबाद जैसे शहरों का आकर्षण खत्म हो गया है। युवा अब इन शहरों में बेहतर एक्सपोजर के लिए जाना चाहते हैं, उसके बाद उनकी कोशिश अपने मूल निवास की ओर लौटने की रहती है।