चाइनीज शेयरों को विदेशी निवेशक अब निवेश के लायक नहीं मानते, रियल एस्टेट संकट के भंवर में फंसी पूरी अर्थव्यवस्था
डांवाडोल परिस्थिति में चीन ने 2023 में 5.2% जीडीपी ग्रोथ दर्ज की जो कोविड महामारी के तीन साल छोड़ दें तो तीन दशक में सबसे कम है। यह आंकड़ा भी तब है जब 2022 में सिर्फ 3.0% ग्रोथ रही थी यानी बेस बहुत कम था। वैसे विशेषज्ञ तो 5.2% को भी इन्फ्लेटेड मान रहे हैं। हालात सुधारने की अब तक की कोशिशें मामूली साबित हुई हैं।
एस.के. सिंह, नई दिल्ली। पिछले दिनों हांग कांग में निवेशकों का एक सम्मेलन हुआ। उसमें लगभग 40 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि चीन के शेयर ‘अन-इन्वेस्टिबल’ यानी ‘निवेश के योग्य नहीं’ हैं। दरअसल, चीन के शेयर बाजारों का हाल तीन साल से बुरा है। हांग कांग का हैंगसेंग इंडेक्स फरवरी 2021 में शिखर को छूने के बाद जनवरी 2024 तक लगभग 50% गिर कर 1997 के स्तर के करीब पहुंच गया। इस दौरान शंघाई कंपोजिट इंडेक्स करीब 25% गिरा है। इन तीन वर्षों में चाइनीज मार्केट की वैलुएशन लगभग 6 लाख करोड़ डॉलर घट चुकी है, जो चीन की जीडीपी के एक-तिहाई के बराबर है। हांग कांग एक्सचेंज में लिस्टेड शेयरों का मार्केट कैप 7.5 लाख करोड़ डॉलर से 52% घट कर 3.59 लाख करोड़ डॉलर रह गया।