भूकंप के बाद ताइवान के कई चिप प्लांट में उत्पादन रुका, यहीं बनते हैं दुनिया के 90% एडवांस चिप
ताइवान चिप बनाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश है। मोबाइल फोन से लेकर कारों तक में इस्तेमाल होने वाले 60% चिप यहीं बनाए जाते हैं। एडवांस चिप तो 80 से 90 प्रतिशत यहीं बनते हैं। यहां 25 साल के सबसे बड़े 7.4 तीव्रता वाले भूकंप से चिप बनाने वाली कंपनियों में काम रोकना पड़ा है। इससे चिप सप्लाई प्रभावित होने की आशंका बन गई है।
प्राइम टीम, नई दिल्ली। ताइवान में भूकंप से क्या एक बार फिर दुनिया में चिप की सप्लाई प्रभावित होगी? इस द्वीप देश में 25 साल के सबसे बड़े, 7.4 तीव्रता वाले भूकंप से चिप बनाने वाली कंपनियों में काम रोकना पड़ा है। ताइवान चिप बनाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश है। मोबाइल फोन से लेकर कारों तक में इस्तेमाल होने वाले 60% चिप यहीं बनाए जाते हैं। एडवांस चिप तो 80 से 90 प्रतिशत यहीं बनते हैं।
एडवांस चिप बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी (टीएसएमसी) ने भूकंप के बाद कई प्लांट में मशीनें बंद कर दीं और कर्मचारियों को सुरक्षित जगहों पर ले जाना पड़ा। चिप बनाने वाली कई और कंपनियों को ऐसा करना पड़ा है। प्लांट क्षतिग्रस्त न होने के बावजूद ग्लोबल चिप सप्लाई प्रभावित होने का डर है। माना जा रहा है कि उत्पादन दोबारा शुरू करने से पहले प्लांट की गहन जांच की जाएगी और स्थिति सामान्य होने में कई हफ्ते लग सकते हैं।
एपल, क्वालकॉम, एनवीडिया और एएमडी जैसी बड़ी टेक कंपनियां टीएसएमसी के चिप्स का प्रयोग करती हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंडस्ट्री में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने वाले सेमीकंडक्टर का निर्माण भी यह कंपनी करती है। मोबाइल फोन, कार, वाशिंग मशीन जैसे रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजों से लेकर रक्षा उपकरण तक, सबमें चिप का प्रयोग हो रहा है।
चिप मैन्युफैक्चरिंग पर भूकंप का असर कैसे
चिप बनाने में उच्च स्तर की प्रिसीजन टेक्नोलॉजी का प्रयोग होता है। भूकंप जैसी आपदाएं इसके लिए गंभीर चुनौती हैं। दरअसल, चिप निर्माण में फोटोलिथोग्राफी का प्रयोग होता है। इसमें जरा सा कंपन होने पर चिप की पूरी बैच खराब हो जाती है। चिप बनाने में इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है कि कहीं से धूल कण न आए। एडवांस चिप बनाने की प्रक्रिया दिन के 24 घंटे और कई दिनों तक लगातार चलती है। भूकंप के कारण अचानक उत्पादन बंद होने से अनेक चिप नष्ट होने की भी आशंका है।
ज्यादातर चिप प्लांट भूकंप की आशंका वाले इलाकों में
इस समय दुनिया के तीन-चौथाई चिप फैब्रिकेशन प्लांट एशिया में हैं। एडवांस चिप मैन्युफैक्चरिंग प्लांट तो सब के सब एशिया में ही हैं। समस्या यह है कि इनमें से ज्यादातर प्लांट भूकंप वाले इलाकों में हैं। ताइवान और जापान में करीब 200 फैब्रिकेशन प्लांट हैं और इन दोनों देशों में भूकंप काफी आते हैं। दुनिया के 90 प्रतिशत भूकंप प्रशांत के रिंग ऑफ फायर क्षेत्र में आते हैं, और ताइवान में अब तक इसके 42 फॉल्ट लाइन की पहचान की गई है।
यही कारण है कि अमेरिका में टीएसएमसी और सैमसंग ने एरिजोना और टेक्सास को चिप मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के लिए चुना है। इन दोनों जगहों पर भूकंप का खतरा कम रहता है। एरिजोना में इंटेल का भी फैब्रिकेशन प्लांट है। भू-राजनीतिक तनाव को देखते हुए भी अमेरिका, यूरोप और जापान ने टीएसएमसी से दूसरी जगहों पर भी प्लांट लगाने के लिए कहा। इसके बाद कंपनी अमेरिका और जापान में प्लांट लगा रही है। लेकिन वहां शुरू में एडवांस चिप नहीं बनेंगे।
चिप सप्लाई रुकने से दूसरी कंपनियां प्रभावित होंगी
चैट-जीपीटी की पेरेंट कंपनी ओपनएआई के प्रमुख सैम ऑल्टमैन और एनवीडिया के सह-संस्थापक एवं सीईओ जेनसेन हुआंग कह चुके हैं कि नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सर्वसेज के लिए चिप की कमी है। एनवीडिया एआई से संबंधित सभी ऑर्डर टीएसएमसी को ही देती है। ऐसे में आपूर्ति में कुछ हफ्तों की बाधा उसके उत्पादन को प्रभावित करेगी।
फिलहाल चिप कंपनियां यह आकलन करने में लगी हैं कि उनके प्लांट को कितना नुकसान हुआ है और मैन्युफैक्चरिंग कितनी जल्दी शुरू की जा सकती है। टीएसएमसी ने भी एक बयान में कहा कि उसके कर्मचारी लौटने लगे हैं, साथ ही नुकसान का आकलन भी किया जा रहा है। टीएसएमसी ने एक बयान में कहा है कि भूकंप से इसे बड़ा नुकसान नहीं हुआ, हालांकि कई प्लांट में टूल्स को क्षति पहुंची है। लेकिन महत्वपूर्ण टूल्स सुरक्षित हैं।
इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू ने कहा, “ताइवान एक मजबूत देश है। हमें नहीं लगता कि मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स के सप्लाई चेन पर किसी तरह का विपरीत प्रभाव पड़ेगा।”