स्वस्थ भारत का संकल्प, आयुष्मान भव योजना लाखों गांव और ग्राम पंचायतों में लाएगी स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता
आयुष्मान मेला का आयोजन हर सप्ताह गांवों के स्तर पर देश के सभी 1.6 लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर होगा। प्रखंड स्तर पर इसका आयोजन मेडिकल कालेजों के जरिये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर होगा। इन मेलों के माध्यम से ईएनटी आंख मानसिक बीमारी आदि के लिए परामर्श और इलाज की सुविधा एक बहुत बड़ी आबादी को मिलेगी। साथ ही लोगों में स्वास्थ्य को लेकर व्यापक जागरूकता का प्रसार होगा।
डा. मनसुख मांडविया: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वर्ष 2018 में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी। इस योजना की शुरुआत राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 के प्रविधानों के तहत ‘सबको स्वास्थ्य’ की परिकल्पना को साकार करने के लक्ष्य के साथ की गई थी। आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के कोने-कोने में रह रहे लोगों तक व्यापक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था। इसके तहत बचाव और जागरूकता से लेकर प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक स्तर तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं कैसे सुनिश्चित हों, इसकी पूरी व्यवस्था हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के माध्यम से की गई।
मोदी सरकार का लक्ष्य यह है कि देश के हर कोने में रह रहे जन-जन तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचें। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ही आयुष्मान भव अभियान लांच किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 13 सितंबर, 2023 को इस अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान के तहत जन आरोग्य योजना को जन-जन तक ले जाने, हर किसी का आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट आइडी बनाने और विभिन्न स्वास्थ्य सेवाएं देने का लक्ष्य रखा गया है। कई तरह की बीमारियों की पहचान के लिए व्यापक स्क्रीनिंग की भी व्यवस्था की गई है। इनमें टीबी, हाइपरटेंशन, सिकल सेल डिसीज यानी रक्त संबंधी विकार, मधुमेह आदि के लिए गांवों और शहरों में जांच अभियान चलाया जा रहा है।
आयुष्मान भव योजना का मूल लक्ष्य देश के 6.45 लाख गांवों और 2.55 लाख ग्राम पंचायतों तक पहुंचने का है, ताकि लोगों के बीच इस योजना को लेकर जागरूकता आए और वे स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले सकें। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की ‘अंत्योदय’ संकल्पना के अनुकूल इस अभियान को तैयार किया गया है, ताकि स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ समाज के हर एक व्यक्ति को मिल पाए। सबको स्वास्थ्य के लक्ष्य को पूरा करने के लिए इस अभियान के तहत सेवा पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसमें अंग दान अभियान चलाना शामिल है। साथ ही स्वच्छता अभियान और रक्तदान अभियान जैसी कई और गतिविधियां चलाई जा रही हैं।
इस अभियान के तीन मूल आधार हैं- आयुष्मान आपके द्वार, आयुष्मान सभा और आयुष्मान मेला। इसके तहत समाज केंद्रित सोच के साथ जन-जन तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने का काम किया जाएगा। ‘आयुष्मान आपके द्वार’ का यह तीसरा संस्करण है। पहले के दो संस्करणों की सफलताओं को यह आगे बढ़ाएगा। इसके तहत आयुष्मान कार्ड बनाने में और तेजी लाई जाएगी। वहीं ‘आयुष्मान सभा’ के जरिये गांवों के स्तर पर विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं को लेकर जागरूकता का प्रसार किया जाएगा। ‘आयुष्मान मेला’ के माध्यम से स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न चिंताओं का समाधान करने का काम किया जाएगा।
‘आयुष्मान आपके द्वार’ अभियान की शुरुआत पूरे देश में 17 सितंबर से हो गई है और यह इस साल के 31 दिसंबर तक चलेगा। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तकरीबन 60 करोड़ लाभार्थियों में से अधिक से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का काम इस अभियान के तहत होगा, ताकि कोई भी बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओं से अछूता न रहे।
‘आयुष्मान सभा’ की शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्म-जयंती पर दो अक्टूबर, 2023 से होगी। 31 दिसंबर, 2023 तक चलने वाले इस अभियान के तहत देश भर के गांवों और शहरों में सभाओं का आयोजन होगा। इसके जरिये मुख्य तौर पर जन-जन तक स्वास्थ्य योजनाओं को लेकर जागरूकता का प्रसार किया जाएगा।
‘जनभागीदारी से जनकल्याण’ की भावना विकसित करते हुए स्वास्थ्य व्यवस्था में जनभागीदारी सुनिश्चित करने का काम भी इसके तहत किया जाएगा। इसमें आयुष्मान कार्ड का वितरण किया जाएगा, सूचीबद्ध अस्पतालों के बारे में जानकारी दी जाएगी और आयुष्मान भारत हेल्थ आइडी बनाने, स्क्रीनिंग सेवाएं एवं स्वास्थ्य चर्चा जैसी गतिविधियों का आयोजन होगा। इनमें स्थानीय सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधियों के अलावा सरकार के विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के लाभार्थी शामिल होंगे।
‘आयुष्मान मेला’ का आयोजन हर सप्ताह गांवों के स्तर पर देश के सभी 1.6 लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर होगा। साथ ही प्रखंड स्तर पर इसका आयोजन मेडिकल कालेजों के जरिये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर होगा। इन मेलों के माध्यम से ईएनटी, आंख, मानसिक बीमारी आदि के लिए परामर्श और इलाज की सुविधा एक बहुत बड़ी आबादी को मिलेगी। साथ ही लोगों में स्वास्थ्य को लेकर व्यापक जागरूकता का प्रसार होगा।
इन सभी कोशिशों के माध्यम से देश के हर गांव को ‘आयुष्मान ग्राम पंचायत’ और हर शहरी वार्ड को ‘आयुष्मान शहरी वार्ड’ बनाना है। ऐसा करके जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य के मामले में स्थिति बेहद मजबूत होगी। जिन गांवों में आयुष्मान कार्ड वितरण, आयुष्मान भारत हेल्थ आइडी, स्क्रीनिंग और संक्रामक एवं गैर-संक्रामक बीमारियों के इलाज के मामले में 100 प्रतिशत कवरेज होगा, उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक ले जाना मोदी सरकार का सिर्फ लक्ष्य नहीं, बल्कि प्रतिबद्धता है।
यह प्रतिबद्धता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘स्वस्थ भारत’ परिकल्पना का अंग है। बृहदारण्यक उपनिषद में कहा गया है, ‘सर्वे भवंतु सुखिनः, सर्वे संतु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यंतु, मा कश्चिद् दुःखभाग् भवेत्।’ सर्व कल्याण का जो संदेश इसमें समाहित है, उसे जमीन पर उतारने के लिए आयुष्मान भव की परिकल्पना केंद्र सरकार ने की है। इस महत्वपूर्ण अभियान के माध्यम से हमें ‘सबका स्वास्थ्य’ सुनिश्चित करते हुए ‘स्वस्थ भारत’ से ‘समृद्ध भारत’ की राह पर आगे बढ़ना है।
(लेखक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री हैं)