आदर्श आचार संहिता क्या है? झारखंड और महाराष्ट्र में आज से हो सकती है लागू; इससे क्या बदल जाएगा
चुनाव समाचार
- elections
- elections
- elections
'मैं ईश्वर की शपथ लेता हूं कि..', क्यों और किसलिए होती है पद ग्रहण से पहले शपथ? क्या हैं इसके नियम
elections- elections
- elections
- elections
- elections
- elections
- elections
फेज: 4
चुनाव तारीख: 13 मई 2024
जनपद का इतिहास ताम्रयुग काल तक का मिलता है। कंपिल क्षेत्र में हुई खोदाई के दौर में मिले बर्तन हस्तिनापुर में मिले अवशेषों से मिलते जुलते हैं। महाभारत काल में भी जनपद को महत्वपूर्ण स्थान रहा है। कांपिल्य जो आज कंपिल के नाम से जाना जाता है कभी पांचाल राज्य की राजधानी हुआ करता था। द्रोपदी का जन्म यहीं होना माना जाता है और यहीं पर उनका स्वयंवर भी हुआ था। द्रोपदी कुंड आज भी विद्यमान है। जैन तीर्थांकर कपिल देव का जन्म भी यहीं होने के मान्यता है। जनपद में स्थित संकिसा में भगवान बुद्ध के स्वर्गावतरण की भी मान्यता है। प्रतिवर्ष हजारों विदेश श्रद्धालु यहां बौद्ध स्तूप के दर्शन को आते हैं। शहर फर्रुखाबाद की स्थापना नवाब मोहम्मद खां बंगश ने वर्ष 1747 में नवाब फर्रुखसियर के नाम पर की थी। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में जनपद ने प्रमुखता से भागीदारी की। सैकड़ों लोगों को अंग्रेजों ने फांसी चढ़ा दिया। अंतिम नवाब तफज्जुल हुसैन खां को 1857 में मुल्कबदर कर उनकी मर्जी के अनुसार मक्का भेज दिया गया। वहीं उनकी मृत्यु हुई। द्वितीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी से लेकर जवाहर लाल नेहरू तक यहां कई बार आए। आजादी के बाद से अब तक 17 बार हो चुके लोकसभा चुनाव व उपचुनाव में सात बार यहां कांग्रेस ने बाजी मारी। समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया अपनी कर्मभूमि फर्रुखाबाद से वर्ष 1962 में सांसद चुने गए थे। जनता पार्टी के दौर में दयाराम शाक्य ने दो बार संसद में जनपद का प्रतिनिधित्व किया। कांग्रेस नेता खुर्शीद आलम खां और उनके पुत्र सलमान खुर्शीद यहां से सांसद चुने गए और केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान पाया। भाजपा से साक्षी महाराज दो बार सांसद रहे। वर्तमान में भाजपा के मुकेश राजपूत यहां से सांसद हैं। यहां की जनता आम तौर पर स्वच्छ छवि के नेता को ही पसंद करती है। स्थानीय मुद्दे गंगा और रामगंगा से घिरा यह जनपद तकरीबन हर साल बाढ़ का प्रकोप झेलता है। यहां औद्योगिकीकरण शून्य है और यहां के लिए मुद्दा भी। छपाई कारखाने यहां से शिफ्ट हो रहे हैं। बीते बीस साल में कोई बड़ा विकास कार्य नहीं हुआ है। जिले में सीवरेज सिस्टम तक नहीं है। उद्योग में छपाई के साथ आलू आधारित उद्योग भी प्रमुख मुद्दा है। हमेशा यह चुनावी वादा ही रह गया। फर्रुखाबाद की खास बातें फर्रुखाबाद, भारत के उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर और लोकसभा क्षेत्र है। फर्रुख़ाबाद उत्तर प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी दिशा में स्थित है।, गंगा, रामगंगा, कालिन्दी और ईसन नदी इस क्षेत्र की प्रमुख नदियां हैं। पंडाबाग मंदिर यहां का सबसे प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर की स्थापना पांडवो ने की थी। यहां एक प्राचीन किला भी है। इनके अलावा श्री श्वेताम्बर जैन मंदिर, श्री दिगम्बर जैन मंदिर, पांचाल घाट, श्री शेखपुर जी की दरगार यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। लखनऊ से फर्रुखाबाद की दूरी 191.4 किलोमीटर है वहीं दिल्ली से फर्रुखाबाद की दूरी 446.5 किलोमीटर है।
फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश के विजेता
- पार्टी :भारतीय जनता पार्टी
- प्राप्त वोट :569880
- वोट %59
- पुरुष मतदाता929686
- महिला मतदाता778822
- कुल मतदाता1708585
- निकटतम प्रतिद्वंद्वी
- पार्टी
- प्राप्त वोट348178
- हार का अंतर221702
राजनीतिनामा
- jharkhand
- jharkhand
Vinod Tawde: 'मैं चाय पीने गया था और फिर...', वोट के बदले नोट मामले पर खुलकर बोले तावड़े
politics'उद्धव ही असली गद्दार, शिवसेना छोड़ने वाले नहीं'; राज ठाकरे ने चचेरे भाई पर बोला तीखा हमला
maharashtra- maharashtra
- maharashtra
लोकसभा परिणाम 2024
- पार्टीरिजल्टसीट %
- एनडीए3645
- आइएनडीआइए4354
- अन्य11