एक और एक्सप्रेस-वे, हादसे कम से कम हों इसके लिए भी किए जाएं विशेष उपाय
आधारभूत ढांचे के रूप में केवल राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे ही निर्मित नहीं हो रहे हैं बल्कि रेलवे नेटवर्क और हवाई अड्डों का भी निर्माण हो रहा है। इससे आम आदमी को सुविधाएं मिलने के साथ आर्थिक-व्यापारिक गतिविधियों को भी बल मिल रहा है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के पहले चरण का उद्घाटन देश की राजनीतिक राजधानी को वित्तीय राजधानी से जोड़ने की दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इसलिए भी है कि इसका निर्माण वांछित गति से हो रहा है। इस परियोजना की आधारशिला मार्च 2019 में रखी गई थी। आशा की जाती है कि अगले कुछ महीनों में यह परियोजना पूरी हो जाएगी और इसी के साथ 12 घंटे के अंदर दिल्ली से मुंबई पहुंचने का सपना पूरा हो जाएगा। यह एक बड़ी उपलब्धि होगी-न केवल आवागमन, बल्कि परिवहन की दृष्टि से भी।
यह परियोजना विकास को पंख लगाने का काम करने के साथ लाखों लोगों को सहूलियत देगी। इसके अतिरिक्त यह रोजगार के अवसरों को पैदा करने के साथ अर्थव्यवस्था को गति देने का भी काम करेगी। राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे देश के विकास की धमनियां हैं। पिछले कुछ वर्षों में राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे जिस तेजी से विकसित हुए हैं, वे केवल विकास की रफ्तार बढ़ाने का ही काम नहीं कर रहे हैं, बल्कि इस प्रश्न का उत्तर भी दे रहे हैं कि आखिर विकास के मोर्चे पर हो क्या रहा है? अब इसके लिए सरकार को दावा करने की आवश्यकता नहीं कि वह आधारभूत ढांचे का विकास तेजी से कर रही है, क्योंकि देश के विभिन्न हिस्सों में यह ढांचा आकार लेता हुआ दिखाई दे रहा है।
आधारभूत ढांचे के रूप में केवल राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे ही निर्मित नहीं हो रहे हैं, बल्कि रेलवे नेटवर्क और हवाई अड्डों का भी निर्माण हो रहा है। इससे आम आदमी को सुविधाएं मिलने के साथ आर्थिक-व्यापारिक गतिविधियों को भी बल मिल रहा है। चूंकि इस बजट में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए भारी-भरकम राशि आवंटित की गई है, इसलिए यह तय है कि आने वाले समय में देश का बुनियादी ढांचा और अधिक सशक्त होगा।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा होने के साथ ही सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे देश के पास होगा। इसके पूरा हो जाने के बाद केवल दिल्ली और मुंबई को ही लाभ नहीं मिलेगा, बल्कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के एक दर्जन से अधिक शहरों के बीच आना-जाना भी आसान हो जाएगा। इससे आम लोगों को किस तरह लाभ मिलेगा, इसका पता इससे चलता है कि इस एक्सप्रेस-वे के जरिये अब दिल्ली से जयपुर ढाई घंटे में पहुंचा जा सकेगा। आश्चर्य नहीं कि कुछ लोग इन दोनों शहरों के बीच हवाई मार्ग के स्थान पर सड़क मार्ग से यात्रा करना बेहतर समझें।
इसमें कोई संदेह नहीं कि राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे आवागमन और परिवहन को सुगम करने वाले हैं, लेकिन इसकी भी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए कि वे दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं। राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे कम से कम हादसों का कारण बनें, इसके लिए विशेष उपाय किए जाने चाहिए। इसी के साथ इनका उपयोग करने वालों को भी सावधानी बरतनी चाहिए।