नशे के खिलाफ लड़ाई, सफलता तब मिलेगी, जब देश में नशीले पदार्थों की खपत की गुंजाइश ही न रहे
इस सच से सभी को परिचित होना चाहिए कि नशीले पदार्थों का अवैध कारोबार करने वाले केवल युवाओं को नशे का लती बनाकर उनके और साथ ही देश के भविष्य को ही चौपट नहीं कर रहे हैं बल्कि इस काले कारोबार से अर्जित धन का इस्तेमाल तमाम तरह की देश विरोधी गतिविधियों को संचालित करने और संगठित अपराध के साथ-साथ आतंकवाद को खाद-पानी देने के लिए भी कर रहे हैं।
मादक पदार्थ विरोधी अभियान के तहत देश के विभिन्न शहरों में 1.40 लाख किलोग्राम ड्रग्स नष्ट किया जाना एक ओर जहां नशे के सौदागरों को यह संदेश है कि उनके अवैध कारोबार को खत्म किया जाएगा, वहीं सरकार की इस प्रतिबद्धता का परिचायक भी कि वह अपने नशा उन्मूलन अभियान को लेकर दृढ़ है। गत दिवस जो नशीले पदार्थ नष्ट किए गए, उनकी कीमत करीब 2,381 करोड़ रुपये है।
नशीले पदार्थों को नष्ट करने का अभियान एक अर्से से जारी है और पिछले वर्ष लगभग 12 हजार करोड़ रुपये की ड्रग्स नष्ट की गई थी। इस सबके बाद भी इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि जो नशीले पदार्थ जब्त और नष्ट किए जा रहे हैं, उनकी मात्रा उससे कहीं कम है, जो भारत में विभिन्न स्रोतों से लाए जा रहे हैं।
यह सही है कि हाल के समय में तस्करी के जरिये लाए गए नशीले पदार्थों की बड़ी-बड़ी खेप बरामद की गई हैं और इन पदार्थों का कारोबार करने वालों की गिरफ्तारियां भी की गई हैं, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि जो तत्व भारत में नशीले पदार्थ भेज रहे हैं, उनके हौसले पूरी तौर पर पस्त हुए हैं। स्पष्ट है कि ऐसे उपाय करने की आवश्यकता है, जिससे भारत में नशीले पदार्थ आ ही न सकें। इसके लिए सीमाओं पर चौकसी बढ़ानी होगी और नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों पर शिकंजा भी कसना होगा। ऐसे तत्व देश के भीतर भी सक्रिय हैं और बाहर भी।
वैसे तो नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले में सबसे अधिक पाकिस्तान से सावधान रहने की आवश्यकता है, लेकिन तथ्य यह भी है कि पूर्वोत्तर की सीमाओं से भी मादक पदार्थ देश के भीतर लाए जा रहे हैं। ड्रग्स तस्करों का दुस्साहस इतना अधिक बढ़ गया है कि वे बंदरगाहों के जरिये भी ड्रग्स ला रहे हैं। इस सच से सभी को परिचित होना चाहिए कि नशीले पदार्थों का अवैध कारोबार करने वाले केवल युवाओं को नशे का लती बनाकर उनके और साथ ही देश के भविष्य को ही चौपट नहीं कर रहे हैं, बल्कि इस काले कारोबार से अर्जित धन का इस्तेमाल तमाम तरह की देश विरोधी गतिविधियों को संचालित करने और संगठित अपराध के साथ-साथ आतंकवाद को खाद-पानी देने के लिए भी कर रहे हैं।
साफ है कि समाज और विशेष रूप से युवाओं को इसके लिए जागरूक करने की आवश्यकता है कि नशे की उनकी आदत उनके जीवन को नष्ट करने के साथ देश की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा बनती है। नशा कैसे युवाओं को बर्बाद करता है, इसके तमाम उदाहरण पंजाब में हैं। ड्रग्स के खिलाफ जो लड़ाई छेड़ी गई है, उसमें सफलता तब मिलेगी, जब देश में नशीले पदार्थों की खपत की गुंजाइश ही नहीं रह जाएगी। इस गुंजाइश को खत्म करने में हमारे युवाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि आम तौर पर उनके बीच ही नशीले पदार्थ खपाए जाते हैं।